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1/30/2011
गाँधी जी के पावन चरणों में शत-शत नमन,
"सत्य" और "अहिंसा" के पाठ को क्यों भूल गये हम ।
दो कदम संग-संग चलकर,
ठहर गये उनके कदम ।
बिना कुछ कहे सब कुछ,
समझ गये हम ।
1/09/2011
जिस देश में
हम
"माता" और पिता" को
भगवान् की तरह पूजते हैं । उसी धरती पर आज "वृद्धाश्रम" खोले जा रहे हैं क्यों ?
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