सब पूँछ रहे हैं "माँ अस्वस्थ थीं क्या", मेरा उनसे यह कहना है "माँ कभी अस्वस्थ होती है क्या" ? बचपन से लेकर आजतक , मैंने उन्हें बस काम ही करते देखा था … ना रुकी कभी ना थकी कभी .... बिना कुछ कहे सब समझ जाना। सब माँ एक जैसी ही तो होती हैं।
सच कहते हैं , माता-पिता कहीं नहीं जाते … दुआएं बनकर हमेशा साथ चलते हैं। जीवन के हर कठिन मोड़ पर संभाल लेते हैं। हर पल उनके संग होने का एहसास ही , जीवन को हौसला देता है।
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