किसी ने क्या खूब कहा है ,
[१] खोये हुए हम खुद हैं और ढूंढते खुदा को हैं।
[२] देखने के लिये इतना सब कुछ होते हुए भी ,
बंद आँखों से देखना भीतर देखना सबसे बेहतर है।
[१] खोये हुए हम खुद हैं और ढूंढते खुदा को हैं।
[२] देखने के लिये इतना सब कुछ होते हुए भी ,
बंद आँखों से देखना भीतर देखना सबसे बेहतर है।
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