श्री जे.आर. डी. टाटा कहते हैं :
"अगर मुझमे कोई योग्यता है तो वह है लोगों को साथ लेकर चलना, उनके तौर-तरीकों और स्वभावों को समझते हुए .... कई बार आपको ख़ुद को दबाना पड़ता है, यह पीड़ादायी होता है, मगर ज़रूरी भी होता है... एक लीडर बनने के लिए आपको अपने लोगों का नेतृत्व स्नेह के साथ करना पड़ता है। "
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