थक कर ना बैठना ऐ मंजिल के मुसाफिर, मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आयेगा ।
बहुत अच्छा लिखते है आप ...मेने आज तक एक साथ किसी का ब्लोक नही पढ़ा ..पर आपके दोनों ब्लोक एक साथ पढ़ लिऐ ..आप माड़ारेसन हटा दे ..क्योकि टिपण्णी लिखकर पढने में अच्छा लगता है...आगे आपकी मर्जी ..
थक कर ना बैठना ऐ मंजिल के मुसाफिर,
ReplyDeleteमंजिल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आयेगा ।
बहुत अच्छा लिखते है आप ...मेने आज तक एक साथ किसी का ब्लोक नही पढ़ा ..पर आपके दोनों ब्लोक एक साथ पढ़ लिऐ ..आप माड़ारेसन हटा दे ..क्योकि टिपण्णी लिखकर पढने में अच्छा लगता है...आगे आपकी मर्जी ..