12/23/2017
11/18/2017
10/01/2017
9/30/2017
9/26/2017
"विश्व संवाद केंद्र.."
गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में डा० विशेष गुप्ता जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। कार्यक्रम में पवन जैन जी, हरिमोहन गुप्ता , शलभ गुप्ता , मोहन लाल सैनी , योगेंद्र गुप्ता आदि ने भी प० दीनदयाल जी के जीवन और उनके व्यक्तित्व पर अपने विचार प्रस्तुत किये।
9/08/2017
9/05/2017
9/04/2017
"संस्कार भारती मेरठ प्रान्त.."
"दिनांक 3 सितम्बर 2017 को, पिलखुआ में आयोजित संस्कार भारती मेरठ प्रान्त की वार्षिक सभा में सहभागिता करते हुए और संस्कार भारती मुरादाबाद महानगर संस्था के कार्यों एवं आगामी योजनाओं के विषय में सभा को अवगत कराते हुए।
सभा में केंद्र के प्रतिनिधि श्री देवेंद्र सिंह रावत जी, आचार्य श्री देवेंद्र देव जी, श्री वासुदेव जी, प्रांतीय अध्यक्ष श्री राजीव लोचन शर्मा जी आदि अनेक महानुभाव उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रांतीय महामंत्री बाबा संजीव आकांक्षी जी ने किया।
सभा का आयोजन संस्कार भारती की पिलखुआ इकाई ने किया।
8/28/2017
8/27/2017
"संस्कार भारती मुरादाबाद महानगर"
कला और साहित्य को समर्पित अखिल भारतीय संस्था, "संस्कार भारती मुरादाबाद महानगर" के "महामंत्री" बनाये जाने के बाद, मुख्य अतिथि एमएलसी डा ० जयपाल सिंह "व्यस्त" जी और प्रांतीय अध्यक्ष डा ० राजीव लोचन शर्मा जी से आशीर्वाद और शुभकामनायें लेते हुए।
मैं, संस्था के सभी वरिष्ठ अधिकारियों के प्रति अपना विशेष आभार व्यक्त करता हूँ।
(दिनांक : 26 अगस्त 2017 )
मैं, संस्था के सभी वरिष्ठ अधिकारियों के प्रति अपना विशेष आभार व्यक्त करता हूँ।
(दिनांक : 26 अगस्त 2017 )
8/15/2017
2/09/2017
1/20/2017
"ज़िन्दगी.."
बहुत खूब लिखा है किसी ने,
[१]
वक्त का ख़ास होना ज़रूरी नहीं,
ख़ास लोगों के लिए वक्त होना ज़रूरी है।
[२]
एक बेहतरीन ज़िन्दगी जीने के लिये,
यह स्वीकार करना भी ज़रूरी है ,
कि सब कुछ, सबको नहीं मिल सकता।
[१]
वक्त का ख़ास होना ज़रूरी नहीं,
ख़ास लोगों के लिए वक्त होना ज़रूरी है।
[२]
एक बेहतरीन ज़िन्दगी जीने के लिये,
यह स्वीकार करना भी ज़रूरी है ,
कि सब कुछ, सबको नहीं मिल सकता।
1/17/2017
"दो पंक्तियाँ .."
किसी ने क्या खूब कहा है ,
[१] खोये हुए हम खुद हैं और ढूंढते खुदा को हैं।
[२] देखने के लिये इतना सब कुछ होते हुए भी ,
बंद आँखों से देखना भीतर देखना सबसे बेहतर है।
[१] खोये हुए हम खुद हैं और ढूंढते खुदा को हैं।
[२] देखने के लिये इतना सब कुछ होते हुए भी ,
बंद आँखों से देखना भीतर देखना सबसे बेहतर है।
1/12/2017
"ख्वाहिश.."
क्या खूब कहा है किसी ने ,
ख्वाहिश भले छोटी सी हो
लेकिन, उसे पूरा करने के लिये
दिल ज़िद्दी सा होना चाहिये।
ख्वाहिश भले छोटी सी हो
लेकिन, उसे पूरा करने के लिये
दिल ज़िद्दी सा होना चाहिये।
1/11/2017
"वसीयत या विरासत"
किसी ने क्या खूब कहा है,
यह महत्वपूर्ण नहीं है कि "वसीयत" में हमें क्या मिला है ,
महत्वपूर्ण यह है कि "विरासत" में हम क्या छोड़ कर जा रहे हैं।
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