हम लोग हर बात में अपना "फायदा" ही तलाशते हैं... क्यों ? हम क्यों बदल गये हैं ? क्यों ?
हम सभी इस वर्तमान स्थिति को देखकर थोड़े "उदास" ज़रूर हैं... पर "हताश" नहीं हैं..... समय ज़रूर बदलेगा ...और ज़रूर बदलेगा... जीवन को कल-कल करता हुआ एक झरना बनाना है ठहरा हुआ तालाब का पानी नहीं।
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