प्रिय विवेक जी,
सादर नमस्कार!
आपने कहा "I am back." लेकिन आप गये कहाँ थे ? आप तो यहीं हैं , बस इतना हुआ कि कुछ दिन Net ने साथ नहीं दिया और आप एक नयी post नहीं लिख पाए। हम सभी आपकी व्यस्तताएँ जानते हैं।
फिर भी आप अपने व्यस्त समय में से कुछ समय निकाल कर हम सभी के comments के reply देते रहें, यह हम सभी के लिए बहुत बड़ी बात है।
और मैं यह भी जानता हूँ, हमारे सभी blogger साथी दिन में बार ज़रूर ही आपके ब्लॉग पर visit करते हैं। एक नयी post के लिए , कुछ नये comments पढने के लिए.... कुछ नया एक - दूसरे से सीखने के लिए....
यह दिल से दिल का अटूट रिश्ता है कोई कहीं नहीं जाने वाला यहाँ से किसी की छोड़कर ....और जा भी नहीं पायेगा....
"इस blog को छोड़कर... ना ही हम कहीं जायेगें और ना ही आपको कहीं जाने देंगें सर जी..." इतना तो हम आपसे अपने अधिकार से कह ही सकते हैं...
यह हमारा ब्लॉग है ... हमारा "ब्लॉग परिवार" है.... है ना सर जी.....
जहाँ तक मेरा प्रश्न है... जब तक मेरी सांसे मेरा साथ देंगीं.... मैं यूँ ही हमेशा आपके ब्लॉग पर लिखता रहूँगा....
आपका ही,
शलभ गुप्ता
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