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9/09/2010
आपकी लेखनी को मेरा प्रणाम!
प्रिय सलिल जी,
आपकी लेखनी को मेरा प्रणाम!
अत्यंत संवेदनशील रचना है "भिखारी का ताजमहल" ...
मानो एक-एक शब्द को आंसुओं में डुबोकर लिखा है आपने...
शब्दों की भावपूर्ण अभिव्यक्ति....
शलभ गुप्ता
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