प्रिय विवेक जी,
आपके शब्द मुझे भाव-विभोर कर गये । आज के दिन "आपके प्रेरणादायी शब्दों" का उपहार मेरे लिए अमूल्य निधि है।
आज एक ख़ुशी की बात और आपके साथ share करना चाहूँगा । 16 Sept. 2009 को, मुंबई में आज के दिन ही आपसे मुलाकात हुई थी.... आज हमारी "मुलाकात" की प्रथम वर्षगाँठ है.....
यूँ तो वैसे हम दूर हैं, मगर आपके करीब होने का अहसास मेरे साथ है।
मन मेरा आपके ही आसपास है ...और हमेशा ही रहेगा...
आपका ही,
शलभ गुप्ता
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