6/06/2010

"आंसू दिल की बात कह जाते हैं.... "

प्रिय विवेक जी,
जब यह कविता लिखी थी तब भी मेरी आखें नम थी .....और अब आपकी प्रतिक्रिया ने भी मेरी पलकों को भिगो दिया सर जी.....
क्या आंसू दिल की बात कह जाते हैं.... जो बात हम लब्जों से नहीं कह पाते हैं वह सारी बातें हमारे आंसू कह जातें हैं..... मेरा क्या है मैं तो एक मुसाफिर हूँ.....मुझे बस चलते जाना है....
आपका ही,
शलभ गुप्ता

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