11/21/2010

"ज़िन्दगी इन पलों को फिर से नहीं दोहरायेगी ..."

एक दिन ज़िन्दगी ऐसे मुकाम पर पहुँच जायेगी , दोस्ती तो सिर्फ यादों में ही रह जायेगी ।
हर एक कप कॉफी , याद दोस्तों की दिलायेगी। और हँसते- हँसते फिर आखें नम हो जायेगीं ।
ऑफिस के चैम्बर में classroom नज़र आयेगी , पर चाहने पर भी proxy नहीं लग पायेगी ।
पैसा तो बहुत होगा, मगर उन्हें लूटाने की वजह ही खो जायेगी ।
जीलो खुल कर इस पल को मेरे दोस्तों , ज़िन्दगी इन पलों को फिर से नहीं दोहरायेगी ।
क्यों ऐसा ही होगा ना ...?

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