11/15/2009

"जीवन एक अनंत यात्रा है...."



जीवन एक अनंत यात्रा है। जब तक यह जीवन है , चलते रहना है। हजारों किलोमीटर लम्बी यात्रा के लिए भी सबसे पहले "एक कदम" बढाना ज़रूरी है। और यात्रा पूरी होने के लिए भी आखरी "एक कदम" भी ज़रूरी है। कहने का तात्पर्य यह है कि हम सबको यात्रा के शुरू करने से लेकर पूरी होने तक गतिमान रहना है। हौसला नहीं छोड़ना है।

कहते हैं, हम इंसानों के पास सब कुछ है बस "सब्र" नहीं है। और यही हम सबको "निराशा" की ओर ले जाता है। जीवन को कल-कल करता हुआ एक झरना बनाना है ठहरा हुआ तालाब का पानी नहीं।

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