11/26/2009

"हमारी मुंबई को सलाम" !

"हमारी मुंबई को सलाम" !
"हमारे मुंबई वासियों के जज्बे को सलाम" !
सबसे पहले , सभी शहीदों को हम सबकी तरफ़ से शत: शत: नमन है ! 26/11 2008 मानो कल ही ही घटना है हम सबके लिए । क्या सीखा है हमने इस एक वर्ष में ?
हाँ, इतना ज़रूर हुआ है कि इस बीते वर्ष में कोई दूसरी बड़ी आतंकवादी घटना नहीं हुई है। क्या हम और हमारी सरकार जागरूक हुई है इस आतंकवाद पर या इस आतंक के जन्मदाता हमारे पड़ोसी देश के ख़ुद ही आतंक के गिरफ्त में आ जाने का परिणाम है यह । शायद उसके देश में लगातार हो रहे आतंकी हमलों ने उसकी आतंकी मंसूबों की रफ़्तार को धीमा किया है ।
सबका मूल प्रश्न एक ही है " आतंकवाद का खात्मा होना" भारत से ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया से " । लेकिन हमें, इस बाहर के आतंकवाद के साथ-साथ अपने देश के अन्दर पनप रही "भाषा और क्षेत्र के नाम पर हम भारतीयों को बांटने वाली इस देशद्रोही विचारधारा के ख़िलाफ़ भी एक जुट होकर खड़ा होना है " जो हमें एक दूसरे से अलग -अलग करना चाहती है ।
आज के दिन हम सब मिल कर यह शपथ लें, "कि सबसे पहले हम "भारतीय मानुस" है । हमें एक साथ ही रहना है , जब तक हम सब अन्दर से शक्तिशाली नहीं होंगे, बाहर के इस आतंकवाद का मुकाबला कैसे कर पायेगें ?
एक जुट हुए बिना आतंक वाद का मुकाबला करना असंभव है ।

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