8/12/2010

हमें अपने सभी त्योहारों पर नाज़ है.....

त्योहारों का मौसम है विवेक जी..... इसी महीने से अब शुरुआत हो चुकी है.... "हरियाली तीज".....मेहंदी से रंगें हाथ.....फिर "रक्षा -बंधन" ........फिर ईद ....इसी तरह गुजरते रहें ज़िन्दगी के पल..... सबको खुशियाँ देते रहें....हमेशा....
सच, हमारी संस्कृति.... हमारे त्यौहार..... हमारी परम्परायें .... हम सभी को एक अटूट बंधन में बांधे रखती हैं....
यूँ तो जीवन में सभी को कुछ ना कुछ कष्ट तो रहता ही है.... पर इन्हीं त्योहारों में ख़ुशी के कुछ पल मिल ही जाते हैं सबको..... है ना....
हमें गर्व है भारतीय होने का..... हमें अपने सभी त्योहारों पर नाज़ है.....
यूँ तो सबसे मिलते ही रहते हैं... पर त्योहारों पर मिलने का आनंद और ख़ुशी और ही होती है..... और साथ में मिठाईयों का तो जवाब ही नहीं ....
और हां , राष्ट्रीय पर्व भी आने वाला है.... सब मिल कर मनाएं..... हम सब मिल कर मेहनत करें और अपने देश को सबसे आगे ले जाएँ..... आतंकवाद और नक्सलवाद समाप्त हो , हर तरह बस प्रेम और खुशहाली हो....

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