5/08/2010

"प्रेम, सहनशीलता , धैर्य और क्षमा से परिपूर्ण मन ही सर्वोत्तम है। "



जीवन के कठिन पलों को भी सहज होकर जीना, मुश्किल ज़रूर है मगर असंभव नहीं। क्रोध किसी बात का समाधान नहीं है। ज़िन्दगी में होने वाली हर छोटी-बड़ी घटना , एक सिखावन बनती है।

गुस्सा, मनुष्य की विशेषता और विशिष्टता दोनों को ख़त्म कर देता है। हमारा गुस्सा , हमारी सकारात्मक उर्जा को नकारात्मक दिशा में ले जाता है। क्रोध, इर्ष्या और अन्य ऐसी ही वृत्तियाँ हमारी रचनात्मक क्षमता को नष्ट करने लगती हैं। यही नहीं, शरीर स्वास्थ्य पर भी इसके कुप्रभाव पड़े बिना नहीं रहते हैं।

मानसिक संतुलन बनाये रखना , प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने का सबसे अच्छा इलाज है।
सहनशीलता, व्यक्ति के लिए जीवन में शुभ परिवर्तन ही लाती है। हमारा शांत मन , हमारे लिए सदभावना, आशीवाद और शुभकामनाएँ ले कर आता है।

प्रेम, सहनशीलता , धैर्य और क्षमा से परिपूर्ण मन ही सर्वोत्तम है।

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