7/09/2010

"संयुक्त परिवार की परंपरा ही समाज में सुधार ला सकती है। "



वर्तमान समय में समाज के इस बदले हुए चहेरे को देखकर , मेरा मन थोडा उदास तो ज़रूर है, पर मैं हताश बिलकुल नहीं हूँ। मुझे पूर्ण विश्वास है आने वाला समय अच्छा और बेहतर होगा।


इस बदलते हुए समाज के हालात पर, हम सभी चिंतित हैं और बदलाव भी चाहते हैं। अकेलापन, भटकाव के रास्ते पर ले जाता है। और इंसान खुद से भी दूर भागने लगता है। जिसका अंत बहुत दुखद होता है। वर्तमान में इस सन्दर्भ में कई उदाहरण हमारे सामने है।


हर व्यक्ति , आज सफल बनाना चाहता है.... बस सब भाग रहें हैं.....एक -दूसरे के पीछे... भीड़ बढती जा रही है... और एक दिन उसी भीड़ का हिस्सा हो जातें हैं... सिर्फ "पैसा" और "शानो-शौकत" ही सफल होने की डिग्री नहीं है।


सभी मिल कर सोचेगें , तभी सार्थक परिणाम सामने आयेगें। वर्तमान समय की मांग यही है कि संयुक्त परिवार की परंपरा ही समाज में सुधार ला सकती है। क्या 24 घंटों में से 24 minute भी हम अपने घर के बच्चों के साथ बिताते हैं...? शायद नहीं.... ... और बात यहीं ख़त्म नहीं हो जाती है । हमें कुछ समय अपने बड़ों के साथ भी बिताना चाहिए... अपने मन की बात भी उनसे share करनी चाहिए... उनके अनुभव ही हमारा सही मार्गदर्शन कर सकते हैं । तभी हम आने वाली नयी पीढ़ी को सार्थक और सही दिशा दे पायेगें....

No comments:

Post a Comment