9/05/2010

आप सभी का जिंदगी भर शुक्रगुजार रहूँगा....

प्रिय दिलजीत जी , संजय जी....

विवेक जी के हौसले ने मेरी लेखनी को बहुत हिम्मत प्रदान की है.... उनके ब्लॉग के सहारे -सहारे हम सभी बहुत दूर तलक चले आये हैं..... जहाँ सिर्फ ना केवल जीने का नया हौसला मिला है....बल्कि साथ ही साथ मुझे आप सब से बहुत कुछ सीखने का सुअवसर भी मिला है.... नहीं तो अब तक में कहीं भीड़ में खो गया होता....जिंदगी में कुछ गुजरने की चाहत दिल में जगी है....

मैं दिल की गहराइयों से विवेक जी और आप सभी का जिंदगी भर शुक्रगुजार रहूँगा....

आप सभी का,

शलभ गुप्ता

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