1/08/2010

"हमारा आत्म-विश्वास ही हमारा पथ-प्रदर्शक है .."



आत्म-विश्वास ही वह अनुपम शक्ति है जिसके बल पर हम अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हो जाते हैं। हमारा आत्म-विश्वास ही हमारा पथ-प्रदर्शक है। यदि कोई शक्ति पहाड़ों को तराश सकती है तो वह शक्ति केवल मनुष्य की खुरदरी उँगलियों में है।
यदि हमारा मन ही मरा हुआ है तो शरीर क्या करेगा ? बुझा हुआ दीपक , अँधेरे में राह नहीं दिखा सकता है। अटल जी द्वारा लिखी एक कविता की यह पंक्तियाँ दिल को छू जाती हैं।
" टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता।
छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता। "
हम जैसा भाव मन में रखते हैं, वैसे ही हो जाते हैं। हमारे भाव ही हमारे व्यक्तित्व का सर्जन करते हैं। हमारे विचार ही हमारे व्यक्तित्व की पहचान हैं।
समाज की उन्नति , छोटे विचार के बड़े आदमी पर नहीं बल्कि बड़े विचार के छोटे आदमियों पर निभर है।
"मरना भला है उसका, जो अपने लिए जिये ।
जीता है वह , जो मर चुका इंसान के लिये । "

1 comment:

  1. उत्तम विचार, लिखते चलिये, हिन्दी में ही लिखें।

    लगता है कि आप हिन्दी फीड एग्रगेटर के साथ पंजीकृत नहीं हैं यदि यह सच है तो उनके साथ अपने चिट्ठे को अवश्य पंजीकृत करा लें। बहुत से लोग आपके लेखों का आनन्द ले पायेंगे। हिन्दी फीड एग्रगेटर की सूची यहां है।

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