1/27/2010

"राष्ट्रीय पर्व पर यह उदासीनता क्यों ? "

आज एक बात आपसे share ज़रूर करूँगा, 26 जनवरी को मैंने लगभग 40 अपने परिचितों को गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में SMS भेजे थे.... और आप को यह जानकार शायद आश्चर्य होगा कि किसी भी व्यक्ति का reply नहीं आया (विवेक जी, मैं दिलजीत जी को धन्यवाद देना चाहता हूँ, जिन्होनें मेरे SMS के बाद फौरन मुझे फ़ोन करके गणतंत्र दिवस की बधाई दी , 40 व्यक्तियों में से सिर्फ उनका ही reply आया।
जहाँ हम दिवाली, ईद पर और friendship day , valantine day पर और भी ना जाने रोज यूँ ही कई SMS एक-दूसरे को करते रहते हैं.... वहीँ अपने इस राष्ट्रीय पर्व पर यह उदासीनता क्यों ? उस दिन तो मुझे यह महसूस हुआ कि क्या वाकई आज 26 जनवरी है ? मन मेरा उस दिन बहुत उदास हुआ यह सब देखकर ..... क्या हम सब इतने व्यस्त हो गये हैं ? क्या इस राष्ट्रीय पर्व का हमारे जीवन में कोई महत्व नहीं है ?

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