10/19/2010

"मुझे नि:शब्द कर गये हैं........"

प्रिय विवेक जी,
सादर नमस्कार !
आपका मेरे ब्लॉग पर आना और फिर कुछ लिखना... मेरे ह्रदय को एक अटूट भावनात्मक संबंधों की अनुभूति दे गये... आपके यह शब्द उम्रभर के लिए अब मेरी अमूल्य धरोहर हैं....
अपनत्व से परिपूर्ण आपके भावुक शब्द , मुझे नि:शब्द कर गये हैं.... और मेरी पलकों को भी नम कर गये हैं....
लिखना तो बहुत कुछ चाहता हूँ पर आज, मैं इससे अधिक और कुछ नहीं कह पा रहा हूँ... आपसे....
आपका ही,
शलभ गुप्ता

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