4/23/2010

"जीवन है, तो चुनौतियाँ तो होंगीं ही ...."



अँधेरे कमरे में, काले Negative द्वारा सुन्दर तस्वीरें बन जाती हैं.... यदि हम कभी वर्तमान में अंधकार का अनुभव करें , तो इसका अर्थ है "कि भगवान् आने वाले कल/ भविष्य के लिए हमारे जीवन की एक सुन्दर और भव्य तस्वीर बना रहें हैं।"
चलते-चलते , अक्सर बाधायें हमारे रास्ते में आ जाती हैं। उन परेशानियों को देखकर हमें रोना नहीं है और ना ही घबराना है। वल्कि, मन को स्थिर करके उस बाधा या परेशानी से पार पाने का उपाय सोचना है।
अक्सर कई लोग, जीवन में बहुत जल्दी हताश हो जाते हैं। ( इन कई लोगों में पहले, मैं भी शामिल था )
जीवन को ही बोझ समझने लगते हैं। कहते हैं कि बस कट रही है.... कोई उमंग नहीं कोई तरंग नहीं बस ज़िन्दगी यूँ ही गुज़र रही है, ऐसा क्यों ?
एक दिन मेरे अन्दर छुपे हुए उसी दोस्त ने ही मुझे समझाया "अरे भई , जीवन है तो चुनौतियाँ तो होंगीं ही ....उनका मुस्करा कर सामना करना है।"
अगर अविश्वास और आशंकाओं के बादल यदि हमारे मस्तिष्क में उमड़ते रहेगें , पानी बनकर हमारी आखों से बहने लगेगें । और हम इस दुनिया की भीड़ में कहीं खो जायेंगें।
मन में विश्वास और कुछ कर गुजरने का संकल्प ही हमारी सफलता का मार्ग आसान करता है।

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